11 February, 2023 |
यह मंदिर स्कैंडल पॉइंट के मुख्य डाकघर से कुछ ही गज की दूरी पर स्थित है। पहले यह मंदिर जाखू हिल पर बनाया गया था। अंग्रेजों ने इसे वर्तमान जगह पर बनाया है। कालीबाड़ी मंदिर एक बंगाली ब्राह्मण राम चिराग ने बनवाया था। यह मंदिर श्यामला देवी के नाम से भी जाना जाता है।
इसी के नाम से पड़ा नाम - इसी श्यामला देवी के नाम से शिमला नाम पड़ा है। इस मंदिर के निर्माण के लिए कुछ बंगाली श्रद्धालु भी आगे आए थे। श्रद्धालुओं द्वारा सन 1845 के लगभग बनवाया गया। इसे बनवाने का काम 1823 में प्रारंभ हुआ था। उस समय यहां की वास्तविक मूर्ति 4 फुट ऊंची थी। वास्तविक मूर्ति की जगह नई परन्तु थोड़ी छोटी और अधिक आकर्षक मूर्ति की स्थापना कर दी गई है। यहां पर चंडी देवी की मूर्ति भी स्थापित है। ब्रिटिश काल में अंग्रेज शाम को होने वाली आरती के दौरान शोरगुल की शिकायत करते थे। तब पुजारी ने उन्हें यह कहकर समझाया कि मंदिर में अंग्रेजों की युद्ध में जीत हो सके इसलिए प्रार्थना की जाती है। इस प्रकार यहां पर बिना विघ्न के पूजा होती रहती है। शिमला में इस मंदिर के अलावा और भी कई दर्शनीय स्थल देखने योग्य है।
पर्यटकों की रहती है भारी भीड़ - बाहरी राज्य से पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं मंदिर की भव्यता और आसपास के वातावरण को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। नवरात्रों में तो यहां पर्यटकों का मेला लग जाता है। यहां भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। बताया जाता है कि इस मंदिर में जो भी मन्नत मांगने आते हैं माता उन्हें कभी निराश नहीं करती। भक्तों की इस मंदिर में गहरी आस्था है। नवरात्रों और दुर्गा पूजा के दौरान भक्तों की इस मंदिर में बहुत लम्बी लम्बी कतारें लगती है।
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